PART – 1
कम्प्यूटर का परिचय(Introduction to Computer)
कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति कम्प्यूट से हुई है् जिसका अर्थ है- गणना करना । अतः कम्प्यूटर का अविष्कार गणना कार्य करने के लिए किया गया था किंतु वर्तमान समय में इसका कार्य क्षेत्र अधिक महत्वपुण हो चुका हैं, इसलिए इसे संगणक या अभिकलित्र कहा जाने लगा है । कम्प्यूटर को हिंदी में संगणक कहा जाता हैं।
कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज है।
कम्प्यूटर क्या है ?(What is computer)
कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का ऐसा संयोजन है, जो डाटा को सूचना में परिवर्तित करता है ।
सरल भाषा में जाने कंप्यूटर क्या है- कंप्यूटर का आविष्कार इसलिए किया गया ताकि आसानी से गणना करनेेे के लिए वर्तमान समय में इसका उपयोग अधिक विस्तृतत हो चुका है, कंप्यूटर अनेक तरह के प्रॉब्लम को चुटकियों में सॉल्व कर सकता है तथा इसका कार्य करने की क्षमता अधिक तीव्र गति वाला है ।
कम्प्यूटर एक मशीन है जिसका काम यह होता है कि यूज़र द्वारा दिए गए डेटा को आउटपुट के रिजल्ट के रूप में दिखाता है हम इसे कंप्यूटर कह सकते हैं
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Computer |
कम्प्यूटर का फुलफार्म _
C commonly (कामनली) – समान्य
O operator (आपरेटर) – चलाने वाला
M machine (मशीन) – यंत्र
P particularly (पर्टिक्युलली) – विशेष रुप से
U used for (यूस्ड फार)। – उपयोग के
T technical (टैक्निकल) – तकनीक
E education and (एजुकेशन एण्ड) – शिक्षा और
R research (रिसर्च) – अनुसंधान
के
कम्प्यूटर की विशेषताएं -(Characteristics of Computer)-
कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं –
- गति ( speed)-
कम्प्यूटर का सबसे बड़ा गुण, गणना करने की उसकी तीब्र गति है । वास्तव में कम्प्यूटर का निर्माण तेज गति से गणना करने वाली एक मशीन के रुप में किया गया था । कम्प्यूटर एक सेकण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है । वर्तमान में, कम्प्यूटर नैनों 10 ke power nine square (सेकण्ड) में भी गणनाएं कर सकता है ।
• भण्डारण (Storage)-
कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of The Computer) –
• विधुत पर निर्भर (depends on electricity)-
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कम्प्यूटर विकास का इतिहास ( history of computer evolution)-
आधुनिक कम्प्यूटरो को अस्तित्व में आए हुए मुश्किल ५० वर्ष ही हुए हैं, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कम्प्यूटर हमारे जीवन के हर पहलू में किसी न किसी तरह से सम्मिलित हैं । पिछले लगभग चार दशक में कम्प्यूटर ने हमारे समाज के रहन सहन व काम करने के तरीके को बदल दिया है ।
कम्प्यूटर के विकास का इतिहास निम्नलिखित सारणी में बताया गया है –
आविष्कार
- अबेकस,
- नेपियर्स बोन्स,
- स्लाइड रूल,
- पास्कलाइन,
- लेबनीज का यांत्रिक कैलकुलेटर,
- डिफरेंस इंजन,
- एनिक,
- एडसैक,
- एडवैक,
- यूनिवैक, इत्यादि आते हैं।
आविष्कारक
- ली काई चेन ( चीन),
- जान नेपियर ( स्कांटलैण्ड),
- ब्लेज पास्कल (फ्रांस),
- गोटफ्रेड वांन लेबनीज ( जर्मनी),
- चाल्र्स बैंडेज ( इंग्लैंण्ड),
- जे पी एकर्ट और जानने मौरिस विल्कस(यूके)
समय
- 16 वीं शताब्दी,
- 1617,
- 1620,
- 1642,
- 1671,
- 1822,
- 1946,
- 1949,
- 1950,
- 1951,
विशेषताएं (Characteristics)-
- इस मशीन के पांच मुख्य भाग थे-
- इनपुट इकाई
- स्टोर
- मिल
- कण्टोल
- आउटपुट
- इस मशीन को आधुनिक कम्प्यूटरो का शुरुआती प्रारुप माना जाता है
- यह एक मैकेनिकल मशीन है।
- इसमें संख्या पढ़ने का कार्य छेद किए हुए कांडों द्वारा किया जाता है
- यह समय में एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था।
- 1896 ई, में होलेरिथ ने टेबुलेटिगं मशीन कम्पनी की स्थापना की जो पंचकाड यंत्र का उत्पादन करती थी।
- वर्ष 1924 में इसका नाम इण्टरनेशनल विजनेस मशीन कर दिया गया।
- यह विश्व का प्रथम पूर्ण स्वचालित विधुत यांत्रिक गणना यंत्र था।
- इसमें इंण्टरलांकिग पैनल के छोटे गियर्स काउंटर स्विच और नियंत्रण सकिट होते थे।
- डाटा मैन्युअल रूप से Enter किया जाता था।
- भण्डारण के लिए मैगनेटिक ड्रम प्रयोग किए जाते थे।
- यह बीस Accumulators का एक संयोजन है।
- इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब लगी थी
- यह पहला डिजिटल कम्प्यूटर था
- यह पहला प्रोग्राम संगृहीत डिजिटल कम्प्यूटर था
- यह वर्गों के पहाड़ों की गणना कर सकता था
- यह मर्करी डिलेय लाइनक्स का प्रयोग मेमोरी और वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग राजिक के लिए करता था।
- यह 30 पन बडा, 150 चौड़ा कम्प्यूटर था।
- यह इनपुट वह आउटपुट की समस्यायों को अतिशीघ्र हल करता था।
- यह सामान्य उद्देश्य के लिए प्रयोग किए जाने वाला प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था।
- यह सांख्यिकी और शाब्दिक दोनों प्रकार के डाटा को संसाधित करता था।
- यह मैगनेटिक टेप का प्रयोग इनपुट और आउटपुट के लिए करता था।
अनुप्रयोग
- इसका प्रयोग सभी गणितीय क्रियाओ को करने में किया जाता था।
- इसका प्रयोग 1890 ईं, की जनगणना में किया गया था।
- इसका प्रयोग गणनाएं करने में किया जाता था।
- इसका प्रयोग प्राइवेट फमो इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था।
- वर्ष 1950 में एम वी विल्कस और व्हीलर ने आवृत्तियों से संम्बधित डिफरेंशियल समीकरण को हल करने के लिए EDSAC का इस्तेमाल किया था
- वर्ष 1951 में मिलर और व्हीलर ने एक 79 अंको के प्राइम नम्बर की खोज करने के लिए EDSAC का इस्तेमाल किया था।
- यह गणनाएं करने का काम करता था।