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कंप्यूटर की पीढ़ियाँ 1, 2, 3, और 4, 5 | Computer of Generations in Hindi

1st Generation Computer Example - ENIAC, AI Based 5th Generation Computer

Computer Generations in Hindi

Introducation
आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तकनीक कहाँ से शुरू हुई और कैसे विकसित होती गई? कंप्यूटर का विकास विभिन्न “पीढ़ियों” (Generations) में हुआ है, जिनमें हर नई पीढ़ी ने नई तकनीकों और क्षमताओं को जन्म दिया। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कंप्यूटर की 1st Generation से लेकर 5th Generation तक का पूरा इतिहास और उनकी विशेषताएँ।

1st Generation Computer Example - ENIAC, AI Based 5th Generation Computer

1st Generation (1940-1956): वैक्यूम ट्यूब पर आधारित कंप्यूटर

वैक्यूम ट्यूब क्या है?

वैक्यूम ट्यूब एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका उपयोग बिजली के सिग्नल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था। यह एक प्रकार का कंप्रेशन और अम्लन (Amplification) डिवाइस था, जिसे सिग्नल्स को बढ़ाने या कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। वैक्यूम ट्यूब का उपयोग पहले कंप्यूटरों के प्रोसेसिंग और गणना कार्यों में किया जाता था।

मुख्य विशेषताएँ:

  • वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग

  • बहुत बड़ा आकार

  • बिजली की अधिक खपत

  • प्रोग्रामिंग भाषा: मशीन भाषा

उदाहरण: ENIAC, UNIVAC

वैक्यूम ट्यूब आधारित कंप्यूटर के उदाहरण

वैक्यूम ट्यूब आधारित कंप्यूटरों के दो प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:

1. ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer)

ENIAC पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था, जिसे 1945 में विकसित किया गया था। इसे जॉन माउचली और जे। प्रेस्पर एकर्ट ने मिलकर डिजाइन किया था। ENIAC में 17,468 वैक्यूम ट्यूब थे और यह बड़ी गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता था।

2. UNIVAC (Universal Automatic Computer)

UNIVAC पहला व्यावसायिक कंप्यूटर था, जिसे 1951 में अमेरिका के जे। प्रेस्पर एकर्ट और जॉन माउचली ने तैयार किया था। UNIVAC का प्रमुख उपयोग व्यापारिक और सरकारी डेटा प्रोसेसिंग में हुआ था। यह कंप्यूटर बड़ी डेटा प्रोग्रामिंग और प्रोसेसिंग की क्षमता रखता था।

वैक्यूम ट्यूब पर आधारित कंप्यूटर की विशेषताएँ

वैक्यूम ट्यूब पर आधारित कंप्यूटर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. आकार और वजन:

वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे और इनका वजन भी भारी होता था। इन कंप्यूटरों का आकार इतना विशाल था कि इन्हें कई कमरे में फैलाकर रखा जाता था।

2. उपयोगिता:

इन कंप्यूटरों का उपयोग गणना, आंकड़े संग्रहण और अन्य वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता था। इनका उपयोग सेना, गणनात्मक शोध, और बड़े उद्योगों में किया जाता था।

3. प्रोसेसिंग गति:

वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर की प्रोसेसिंग गति धीमी थी, क्योंकि वे अधिक समय लेते थे और सीमित सिग्नल प्रोसेसिंग क्षमता रखते थे।

4. बिजली की खपत:

वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटरों की बिजली की खपत बहुत अधिक थी। इन कंप्यूटरों को चलते रहने के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती थी, और अक्सर ये ओवरहीट भी हो जाते थे।

5. विश्वसनीयता:

वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर बहुत जल्दी खराब हो जाते थे। इनके अंदर उपयोग किए गए वैक्यूम ट्यूब समय के साथ टूट जाते थे और इन्हें बदलना पड़ता था।

लाभ:

  • गणनाओं में तेज़ी

  • स्वचालित प्रक्रिया की शुरुआत

हानियाँ:

  • बहुत बड़ा आकार

  • अधिक गर्मी और बिजली की खपत

  • बार-बार खराबी

2nd Generation (1956-1963): ट्रांजिस्टर का आगमन

ट्रांजिस्टर क्या है?

ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक स्विच है, जो विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह एक छोटा, हल्का और विश्वसनीय सिलिकॉन (Silicon) या जर्मेनियम (Germanium) से बना सेमीकंडक्टर डिवाइस है। ट्रांजिस्टर को 1947 में जॉन बेर्डिन, वॉल्टर ब्रेटेन और विलियम शोकले ने विकसित किया था, जो बेल लैबोरेटरीज (Bell Laboratories) में कार्यरत थे।

ट्रांजिस्टर के कारण, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कम बिजली की खपत, छोटे आकार, और तेज़ प्रोसेसिंग गति के साथ डिजाइन किया जाने लगा।

मुख्य विशेषताएँ:

  • ट्रांजिस्टर का प्रयोग (वैक्यूम ट्यूब की तुलना में छोटा और अधिक विश्वसनीय)

  • तेज़ प्रोसेसिंग

  • मशीन व असेंबली भाषा का उपयोग

उदाहरण: IBM 1401, CDC 1604

लाभ:

  • छोटा आकार और अधिक विश्वसनीय

  • तेज़ प्रोसेसिंग

  • असेंबली भाषा का उपयोग

हानियाँ:

  • अब भी काफी महंगे

  • सीमित मेमोरी और क्षमता

3rd Generation (1964-1971): इंटीग्रेटेड सर्किट (IC)

इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) क्या है?

इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit), जिसे IC के नाम से जाना जाता है, एक छोटा सा चिप होता है जिसमें ट्रांजिस्टर, रेसिस्टर्स, कैपेसिटर्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक घटक एक साथ एकल प्लेट पर जोड़े जाते हैं। IC का आकार बहुत छोटा होता है और यह बड़ी संख्या में कार्यों को केवल एक चिप में समाहित करता है।

IC का आविष्कार जैक किल्बी (Jack Kilby) और रॉबर्ट नॉयस (Robert Noyce) ने 1958-59 में किया था, जिन्होंने इसे कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की डिजाइन को सरल और सस्ता बनाने के लिए एक नई दिशा दी।

मुख्य विशेषताएँ:

  • IC का प्रयोग (Integrated Circuit)

  • कम आकार, कम लागत, अधिक गति

  • हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग (जैसे COBOL, FORTRAN)

इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का उपयोग

इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग प्रायः हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है। कुछ सामान्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

1. स्मार्टफोन और टेबलेट्स:

ICs स्मार्टफोन और टेबलेट्स में प्रोसेसर, मेमोरी, और अन्य घटकों को जोड़े रखते हैं। ये स्मार्ट डिवाइस आजकल हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं।

2. कंप्यूटर और लैपटॉप:

कंप्यूटर और लैपटॉप में माइक्रोप्रोसेसर, ग्राफिक्स कार्ड, और अन्य सिस्टम घटकों के लिए ICs का उपयोग किया जाता है।

3. ऑटोमोटिव उद्योग:

कारों में इंजन कंट्रोल यूनिट्स (ECUs), एयरबैग, और अन्य सुरक्षा सिस्टम्स में ICs का इस्तेमाल होता है।

4. हेल्थकेयर उपकरण:

इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल डिवाइस जैसे ECG, MRI मशीनें, और अन्य डायग्नोस्टिक उपकरण भी ICs पर निर्भर करते हैं।

उदाहरण: IBM 360 Series

लाभ:

  • किफायती और कॉम्पैक्ट

  • हाई लेवल भाषाओं का उपयोग (COBOL, FORTRAN)

  • मल्टी-प्रोग्रामिंग

हानियाँ:

  • रखरखाव की जटिलता

  • तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यक

4th Generation (1971–वर्तमान): माइक्रोप्रोसेसर युग

माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) के आविष्कार ने कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। यह तकनीकी विकास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने डिवाइसों को छोटे, तेज, और शक्तिशाली बना दिया। 1970 के दशक में माइक्रोप्रोसेसर युग की शुरुआत हुई, और इसके बाद से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिले। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि माइक्रोप्रोसेसर का विकास कैसे हुआ, इसका क्या महत्व है, और यह हमारे दैनिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालता है।

माइक्रोप्रोसेसर क्या है?

माइक्रोप्रोसेसर एक छोटा, शक्तिशाली प्रोसेसिंग यूनिट है जिसे एक चिप पर एकीकृत किया गया है। यह कंप्यूटर के सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) के रूप में कार्य करता है और यह डेटा प्रोसेसिंग, गणना, और निर्देशों को चलाने का कार्य करता है। माइक्रोप्रोसेसर में ट्रांजिस्टर, रेसिस्टर्स, कैपेसिटर्स और अन्य घटक एक साथ एक ही चिप पर इंटीग्रेटेड होते हैं।

पहला माइक्रोप्रोसेसर Intel 4004 था, जिसे 1971 में इंटेल (Intel) द्वारा लॉन्च किया गया था। यह प्रोसेसर 4-बिट था और इसमें 2,300 ट्रांजिस्टर थे। इसके बाद से माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता में लगातार सुधार हुआ है, और आज के समय में हमें क्वाड-कोर, ऑक्टाकोर, और हाइपरथ्रेडिंग जैसी उन्नत प्रोसेसिंग क्षमताएँ मिलती हैं।

माइक्रोप्रोसेसर युग का आगमन

1. Intel 4004 का आविष्कार:

1971 में, इंटेल ने पहला माइक्रोप्रोसेसर Intel 4004 लॉन्च किया, जिसने कंप्यूटर के आकार और कार्यप्रणाली में क्रांति ला दी। यह एक 4-बिट प्रोसेसर था और इसे विशेष रूप से कंप्यूटरों के लिए डिज़ाइन किया गया था। Intel 4004 के साथ ही माइक्रोप्रोसेसर युग का आरंभ हुआ, जिसने कंप्यूटरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को छोटा, सस्ता और अधिक शक्तिशाली बना दिया।

2. सिस्टम में इंटीग्रेशन:

माइक्रोप्रोसेसर की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मेमोरी, और अन्य घटकों को एक ही चिप पर इंटीग्रेट किया गया। इससे कंप्यूटर के आकार में कमी आई और इसकी लागत भी घट गई, जिससे कंप्यूटर तकनीक आम लोगों तक पहुँचने लगी।

3. विकसित होते माइक्रोप्रोसेसर:

Intel 4004 के बाद, Intel 8008 (1972), Intel 8080 (1974), और Intel 8086 (1978) जैसे प्रोसेसर आए। ये प्रोसेसर अधिक शक्तिशाली और अधिक बिट्स की क्षमता के थे। इसके बाद माइक्रोप्रोसेसर की दुनिया में 32-बिट और 64-बिट प्रोसेसरों का दौर आया, जिसने कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग गति और कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा दिया।

मुख्य विशेषताएँ:

  • माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग (Intel 4004 पहला माइक्रोप्रोसेसर)

  • पर्सनल कंप्यूटर (PC) का उदय

  • ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI)

उदाहरण: Apple Macintosh, IBM PCs

लाभ:

  • पर्सनल कंप्यूटर की शुरुआत

  • उपयोग में आसान

  • सस्ती और तेज़ मशीनें

हानियाँ:

  • साइबर हमलों की संभावना

  • अत्यधिक निर्भरता से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर

5th Generation (वर्तमान और भविष्य): कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्या है?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जैसे कि नाम से स्पष्ट है, एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से मशीनें या कंप्यूटर मानव की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त करती हैं। AI का उद्देश्य यह है कि हम मशीनों को उस तरह की सोच और कार्यक्षमता दे सकें जो अब तक केवल मानव मस्तिष्क में पाई जाती थी।

AI में स्मार्ट या साक्षर कंप्यूटर सिस्टम्स होते हैं जो डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं, पैटर्न पहचान सकते हैं, और उन पर आधारित निर्णय ले सकते हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

  • AI (Artificial Intelligence) और Machine Learning पर आधारित

  • वॉयस और फेस रिकग्निशन

  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP)

उदाहरण: स्मार्टफोन, रोबोटिक्स, चैटबॉट्स (जैसे ChatGPT)

लाभ:

  • स्मार्ट और इंटरैक्टिव सिस्टम

  • मशीन लर्निंग और वॉयस रिकग्निशन

  • मानव-जैसी सोच वाली मशीनें

हानियाँ:

  • गोपनीयता और डेटा सुरक्षा की चिंता

  • नौकरियों पर खतरा

  • नैतिक और कानूनी सवाल

सारांश: कंप्यूटर जनरेशन की तुलना

 

पीढ़ी तकनीक लाभ हानियाँ
1st वैक्यूम ट्यूब गणना की शुरुआत आकार बड़ा, धीमी गति
2nd ट्रांजिस्टर विश्वसनीयता बढ़ी सीमित क्षमता
3rd IC किफायती, तेज़ जटिल रखरखाव
4th माइक्रोप्रोसेसर पर्सनल कंप्यूटर साइबर सुरक्षा खतरे
5th AI स्मार्ट सिस्टम डेटा सुरक्षा, बेरोजगारी

कंप्यूटर की हर पीढ़ी ने मानव जीवन को अधिक उन्नत बनाया है, लेकिन साथ ही नई चुनौतियाँ भी लेकर आई हैं। भविष्य में Quantum Computing और Advanced AI जैसी तकनीकों के साथ, कंप्यूटर का स्वरूप और भी परिवर्तित होगा।

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