IPC धारा 497 क्या है? (What is Section 497 IPC in Hindi)

IPC धारा 497 क्या है? (What is Section 497 IPC in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 497 एक समय पर व्यभिचार यानी Adultery को एक आपराधिक अपराध मानती थी। इसके अनुसार, यदि कोई पुरुष किसी विवाहित स्त्री के साथ यौन संबंध बनाता था और उसके पति की सहमति नहीं होती थी, तो वह अपराधी माना जाता था।

परंतु, इस कानून के तहत केवल पुरुष को अपराधी माना जाता था, महिला को नहीं।

IPC धारा 497 के तहत सजा (Punishment Under Section 497 IPC)

धारा 497 के अंतर्गत:

  • अधिकतम 5 साल की सजा, या

  • जुर्माना, या

  • दोनों हो सकते थे।

लेकिन यह अपराध गैर-जमानती (non-bailable) था।

IPC धारा 497 क्या है? (What is Section 497 IPC in Hindi)

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला (Joseph Shine v. Union of India, 2018)

27 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित कर दिया।

 मुख्य कारण:

  1. यह कानून लैंगिक समानता (Gender Equality) के खिलाफ था।

  2. यह महिलाओं को पति की संपत्ति जैसा मानता था।

  3. यह अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन करता था।

आज की स्थिति (After 2018):

  • अब IPC की धारा 497 भारत में लागू नहीं है

  • व्यभिचार अब आपराधिक अपराध नहीं, बल्कि केवल नैतिक और वैवाहिक मुद्दा माना जाता है।

  • हालांकि, यह तलाक का आधार हो सकता है।

व्यभिचार और विवाह संबंध (Adultery and Marriage):

विषयस्थिति
क्या व्यभिचार अपराध है? नहीं (2018 के बाद से)
क्या यह तलाक का आधार है? हां
क्या महिलाओं पर मुकदमा हो सकता है? नहीं
क्या पुरुषों पर मुकदमा हो सकता है?नहीं (अब नहीं)

IPC धारा 497 क्या है? (What is Section 497 IPC in Hindi)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. धारा 497 IPC अब भी लागू है क्या?

Ans नहीं, 2018 में इसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है।

Q2. क्या व्यभिचार अब कोई जुर्म नहीं है?

Ans  नहीं, यह अब आपराधिक अपराध नहीं है, लेकिन तलाक के मामलों में यह महत्व रखता है।

Q3. क्या सेना में यह कानून लागू है?

Ans हां, सेना में अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

IPC की धारा 497 का हटाया जाना भारत में महिलाओं की समानता और स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम था। अब विवाह संबंधों में नैतिकता और विश्वास की जिम्मेदारी दोनों पक्षों की होती है

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