Context Switching क्या है

परिचय (Introduction)

Context Switching क्या है, कंप्यूटर सिस्टम या ऑपरेटिंग सिस्टम में Context Switching वह प्रक्रिया है जिसमें CPU एक प्रक्रिया (Process) या थ्रेड से दूसरी प्रक्रिया या थ्रेड पर स्विच करता है।
साधारण शब्दों में कहें तो जब CPU एक कार्य को रोककर दूसरा कार्य शुरू करता है, तो उस समय जो बदलाव होता है, उसे Context Switching कहा जाता है।

Context Switching कैसे काम करता है?

जब कोई नया प्रोसेस रन करने की आवश्यकता होती है, तो ऑपरेटिंग सिस्टम वर्तमान प्रोसेस की स्थिति (State) को Process Control Block (PCB) में सेव करता है और अगले प्रोसेस की स्थिति को लोड करता है।
इसमें CPU रजिस्टर, प्रोग्राम काउंटर, मेमोरी एड्रेस आदि को सेव और रिस्टोर किया जाता है।

Context Switching के प्रकार (Types of Context Switching)

  1. Process Context Switching
     जब एक प्रोसेस से दूसरे प्रोसेस पर CPU स्विच करता है।
    उदाहरण: Word Processor से Browser पर जाना।

  2. Thread Context Switching
     जब एक ही प्रोसेस के अंदर विभिन्न थ्रेड्स के बीच स्विच होता है।
    उदाहरण: एक प्रोग्राम में Background Thread और UI Thread के बीच स्विच करना।

  3. Interrupt Context Switching
     जब कोई Interrupt (जैसे Keyboard Input या Timer Interrupt) आता है और CPU वर्तमान प्रोसेस को रोककर Interrupt Handler चलाता है।

Context Switching के फायदे (Advantages of Context Switching)

  1. Multitasking की सुविधा – कई प्रोग्राम एक साथ चल सकते हैं।

  2. CPU उपयोग बढ़ता है – Idle समय कम होता है।

  3. Responsiveness बढ़ती है – सिस्टम तेजी से यूज़र इनपुट पर प्रतिक्रिया देता है।

  4. System Resources का बेहतर उपयोग – कई प्रोसेस efficiently manage किए जा सकते हैं।

Context Switching के नुकसान (Disadvantages of Context Switching)

  1. Performance Overhead – हर स्विच पर CPU समय खर्च करता है।

  2. Latency बढ़ जाती है – अधिक स्विच होने से कुछ टास्क धीमे हो सकते हैं।

  3. Cache Miss की संभावना – Context बदलने से cache डेटा बदल जाता है।

  4. Power Consumption बढ़ती है – मोबाइल या embedded devices में यह battery drain का कारण बन सकता है।

Context Switching का उदाहरण (Example)

मान लीजिए आप कंप्यूटर पर एक Word Document लिख रहे हैं और उसी समय कोई वीडियो चल रहा है।
जब आप टाइप करते हैं तो CPU Word को रन करता है, और जब वीडियो प्ले करता है तो CPU वीडियो प्रोसेसिंग पर स्विच करता है — यही है Context Switching

निष्कर्ष (Conclusion)

Context Switching आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम का एक अनिवार्य हिस्सा है जो Multitasking और Parallel Processing को संभव बनाता है।
हालांकि यह प्रदर्शन (Performance) को थोड़ा प्रभावित कर सकता है, फिर भी इसकी मदद से हम एक साथ कई काम कर पाते हैं।

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